सपा सांसद रशीद मसूद कांग्रेस में शामिल
राजकुमार सिंह/ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
नयी दिल्ली, 12 दिसंबर। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अगले साल होनेवाले विधानसभा चुनावों से पहले मजबूत राजनीतिक-सामाजिक समीकरण बनाने में कांग्रेस को आज समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सदस्य रशीद मसूद के रूप में एक और बड़ी सफलता मिली। मसूद अपने विधायक भतीजे इमरान के साथ आज कांग्रेस में शामिल हो गये। गत शनिवार को ही कांग्रेस ने अजित सिंह के नेतृत्ववाले राष्ट्रीय लोकदल के साथ गठबंधन का ऐलान किया था। अजित की आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के साथ ही उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की अटकलें तेज हो गयी हैं।
गैर कांग्रेसी केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके सहारनपुर के रशीद मसूद की गिनती उदारवादी प्रगतिशील मुस्लिम नेताओं में होती है। रामपुर के आक्रामक मुस्लिम नेता मोहम्मद आजम खां की समाजवादी पार्टी में वापसी के बाद से ही मसूद की विदाई की चर्चाएं चल पड़ी थीं। मसूद सपा छोडऩे का संकेत कल ही दे दिया था। आज उन्होंने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान किया। मसूद के कांग्रेस में शामिल होने का स्वागत करते हुए कांग्रेस महासचिव एवं उत्तर प्रदेश के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से कहा कि इससे पार्टी को बल मिलेगा। मसूद ने दावा किया कि वह धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करने और सांप्रदायिकता को परास्त करने के लिए सपा छोड़ कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के हिसार में हुए संसदीय उप चुनाव के समय से ही वह इस बाबत सोच रहे थे। मसूद ने कहा कि लोकपाल पर संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट आने से पहले ही जिस तरह हिसार में कांग्रेस के विरुद्ध अभियान चलाया गया , उससे उन्हें लगा कि यह तो धर्मनिरपेक्ष कांग्रेस के विरुद्ध सांप्रदायिक ताकतों को मजबूत करने की साजिश है।
वैसे उन्होंने अपने इस फैसले के लिए सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की वादाखिलाफी और वैचारिक मतभेद भी कारण बताये। उन्होंने दावा किया कि मुलायम ने उनसे अति पिछड़ों व मुसलमानों को आरक्षण दिलाने का वादा किया था, लेकिन अब खुल कर विरोध कर रहे हैं।
बाद में दैनिक ट्रिब्यून से बातचीत में रशीद मसूद ने दावा किया कि उनके कांग्रेस में शामिल होने और रालोद से गठबंधन हो जाने के बाद उत्तर प्रदेश में मुख्य मुकाबला इस गठबंधन और बहुजन समाज पार्टी के बीच ही होगा। मसूद का यह दावा इस दृष्टि से महत्वपूर्ण लगता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट-मुस्लिम मिल कर एक विजयी समीकरण बनाते हैं। फिर कांग्रेस का भी थोड़ा-बहुत अपना परंपरागत वोट बैंक है ही।
उधर शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिल कर गठबंधन तय कर रालोद को संप्रग का हिस्सा बनानेवाले अजित सिंह आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिले। माना जा रहा है कि इस औपचारिक मुलाकात के बाद उनका केंद्र सरकार में मंत्री बनना तय है। सूत्रों के मुताबिक गठबंधन की शर्तों के तहत अजित सिंह को नया केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया जायेगा, जबकि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और रालोद मिल कर चुनाव लड़ेंगे। प्रधानमंत्री 15 दिसंबर को रूस की यात्रा पर जा रहे हैं। अगर अजित को उससे पहले मंत्री पद की शपथ नहीं दिलायी गयी तो फिर 21 के बाद ही दिलायी जायेगी। संसद का मौजूदा शीतकालीन सत्र 21 दिसंबर को समाप्त हो जायेगा।